Posts

Showing posts from November, 2014

सन्नाटे में बीता क्रिकेट का एक दिन, उठे कई सवाल

Image
- दिवाकर मुक्तिबोध क्रिकेट में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दो बड़ी घटनाएं घटी हैं। दोनों स्तब्धकारी एवं क्रिकेट, क्रिकेटरों व क्रिकेट प्रेमियों के लिए चिंतनीय। आस्ट्रेलिया के युवा प्रतिभाशाली बल्लेबाज फिलिप ह्यूज की सिर पर गेंद टकराने से मौत व भारत में सु्प्रीम कोर्ट का मुद्गल कमेटी रिपोर्ट पर की गयी टिप्पणियां जिसमें उसने चैन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की मान्यता रद्द करने व उसे आईपीएल से बाहर का रास्ता दिखाने कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ और भी कड़ी टिप्पणियां की हैं और इसके घेरे में सीएसके एवं भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी आए हैं। ये दोनों ही घटनाएं विचलित करने वाली हैं।           भारतीय क्रिकेट टीम इस समय आस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं तथा उसे चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के बाद त्रिकोणीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेलने हैं और फिर कुछ दिनों बाद वर्ल्डकप में हिस्सा लेना है। फिलहाल टीम की कमान विराट कोहली के हाथ में हैं। वे 4 दिसंबर से ब्रिस्बेन में प्रारंभ होने वाले पहले टेस्ट के भी कप्तान हैं क्योंकि पूर्णकालिक कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अभी चोट से पूरी तरह उ

बर्खास्तगी,गिरफ्तारी,न्यायिक जांच के बाद आगे क्या?

Image
नसबंदी हादसा - दिवाकर मुक्तिबोध बिलासपुर के कानन पेंडारी नसबंदी हादसे की न्यायिक जांच की घोषणा के साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने संकेत दिया है कि दोषियों को सजा दिलाने के मामले में उसकी नीयत पर शक  करने की जरुरत नहीं है। बिलासपुर के कानन पेंडारी और गौरेला में सरकारी नसबंदी शिविरों में  आपरेशन के बाद अब तक 14 महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है। मौत का सिलसिला यद्यपि अभी थमा है, लेकिन 122 अभी भी अस्पतालों में है जिसमें से कई की स्थिति गंभीर है। जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने  वाली यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है जिसने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। चूंकि परिवार नियोजन जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों को आयोजित एवं नियंत्रित करने की जिम्मेदारी अंतत: जिला प्रशासन की होती है लिहाजा इस मामले में वह भी अपनी  जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। इसीलिए सरकार ने घटना के चार दिनों के भीतर ही न केवल न्यायिक जांच की घोषणा की अपितु आॅपरेशन के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार डॉक्टर आर.के. गुप्ता एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस सी.भांगे को निलंबित करने के बाद अंतत: बर्खास्त कर दिया। पिछली तमाम बड़ी घटनाओं मसलन बाल

स्वास्थ्य विभाग को सुधारने का जिम्मा किसका?

Image
संदर्भ - नसबंदी ऑपरेशन के बाद मौतें - दिवाकर मुक्तिबोध बिलासपुर के कानन पेंडारी नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद 11 महिलाओं की मौत की हृदयग्राही घटना के बाद क्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देंगे? या छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह उन्हें इस्तीफा देने की हिदायत देंगे अथवा स्वास्थ्य मंत्रालय उनसे छीनने का राजनीतिक साहस दिखाएंगे? ये सवाल घटना की गंभीरता को देखते हुए सहज स्वाभाविक है और इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केन्द्र में सत्तारुढ़ भाजपा के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सख्त मिजाज है और सरकारी कामकाज में किसी भी किस्म की लापरवाही को बर्दाश्त करने के पक्ष में नहीं है। इसका उदाहरण इस बात से भी मिलता है कि घटना के फौरन बाद केन्द्र ने 5 सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया जो घटनास्थल का दौरा करके सही-सही आंकलन करेगी। जाहिर है केन्द्र ने कानन पेण्डारी नसबंदी शिविर में हुई मौतों के मामलों को बेहद गंभीरता से लिया है तथा राज्य सरकार को स्पष्ट संकेत दिया है कि उसे इस मामले में कठोर कदम उठाने की जरुरत है। राजनीतिक दृष्टि से भले ही मंत्री पर गाज न गि