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Showing posts from November, 2018

मिशन 65 प्लस क्या फ्लाॅप ?

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छत्तीसगढ - चुनाव 2018 - दिवाकर मुक्तिबोध  छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी? भाजपा की या कांग्रेस की? दस दिसंबर तक न थमने वाली इन चर्चाओं के बीच केवल एक ही बात दावे के साथ कही जा सकती है कि भाजपा के राष्ट्रीय अधयक्ष अमित शाह का मिशन 65 प्लस औंधे मुँह गिरने वाला है। उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह को विधान सभा चुनाव में कुल 90 में से 65 से अधिक सीटें जीतकर लाने का लक्ष्य दिया था जो किसी भी सूरत में पूरा होते नहीं दिख रहा है। 11 दिसंबर को मतों की गिनती होगी और नई सरकार का चेहरा स्पष्ट हो जाएगा। अभी लोगों की जिज्ञासा तीन सवालों पर केन्द्रित है - सरकार किसकी बनेगी? बीजेपी की या कांग्रेस की? जोगी कांग्रेस - बसपा गठबंधन क्या गुल खिलाएगा? या त्रिशंकु की स्थिति में क्या होगा? 12 व 20 नवंबर को मतदान की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद बहुसंख्य लोगों का मानना है कि इस बार परिवर्तन की आहट है और मतदाताओं ने इसके पक्ष में वोट किया है। यानी  कांग्रेस एक मजबूत संभावना है। अनुमानों के इस सैलाब पर यकीन करें तो भाजपा सत्ता गँवाते दिख रही और यदि ऐसा घटित हुआ तो छत्तीसगढ़ की

नक्सल समस्या - डाॅ. रमन के पास जादू की छड़ी?

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- दिवाकर मुक्तिबोध छत्तीसगढ़ वर्षं 2022 तक नक्सल -मुक्त हो जाएगा? इस पर कोई कैसे भरोसा करे? लेकिन मुख्यमन्त्री डा. रमन सिंह आश्वस्त हैं। उनके विश्वास पर विश्वास करें तो अगले चार सालों में चार दशक से अधिक पुरानी इस राष्ट्रीय समस्या का कम से कम छत्तीसगढ से जरुर खात्मा हो जाएगा। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री अभी जनता की अदालत में है और उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी इस बार रिकार्ड बहुमत के साथ लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी करेगी। चुनाव जीत लेगी। अगर ऐसा हुआ तो वे पुन: मुख्यमंत्री बनेंगे जिसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही घोषणा कर चुके है। यानी अगले चार वर्षों में नक्सलवाद को समूल नष्ट करने का उनका विश्वास विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की जीत पर निर्भर है। नहीं जीत पाए तो उन्हें जनता के सामने किए गए संकल्प से बरी होने का मौका मिलेगा। वरना अगले चार साल अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। पर उम्मीद करनी चाहिए उनकी सरकार रहे या न रहे, दो चक्कों के बीच पीस रहे आदिवासियों के खिलाफ हिंसा रूकनी ही चाहिए, किसी भी सरकार की यही प्राथमिकता होनी चाहिए जो नए छत्तीसगढ़ राज्य में सत्तारूढ़ रह