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Showing posts from December, 2020

मुख्यमंत्री बघेल के दो वर्ष

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-  दिवाकर मुक्तिबोध मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को दो वर्ष पूर्ण हो गए। 17 दिसम्बर 2018 को प्रचंड बहुमत के साथ कांग्रेस सत्तारूढ़ हुई तथा प्रदेश एक नयी राह पर चल पडा जो तरह-तरह की चुनौतियों एवं जन अपेक्षाओं से भरा था। नयी सत्ता के मार्ग पर कांटे ही कांटे बिछे हुए थे। सरकार के सामने पहली चुनौती थी चुनावी घोषणा पत्र में जनता से किए गए वायदों को पूर्ण करना। दूसरी चुनौती थी उस नौकरशाही को दुरुस्त करना जिस पर पन्द्रह वर्षों के भाजपा शासन में भगवा रंग पूरी तरह चढा हुआ था। तीसरी चुनौती थी भ्रष्ट कार्यों का परीक्षण, जांच पडताल व भ्रष्ट अफसरों का सार्वजनिकीकरण ताकि जनता उन चेहरों को पहचान सके। नयी सरकार ने इन तीनों मोर्चों पर ताबडतोड कार्रवाई शुरु की। चूंकि किसानों की कर्ज माफी सहित कुछ संकल्पों को दस दिनों के भीतर पूरा करना था, इसलिए इसे प्राथमिकता दी गई। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने खजाना खाली कर दिया था और ऐसी हालत में शासन पर राज्य के 16 लाख 65 हजार किसानों को धान के समर्थन मूल्य अठारह सौ रुपये में करीब सात सौ रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि के साथ भुगतान क

बड़े भाई साहब

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- दिवाकर मुक्तिबोध तीन दिसंबर को देशबन्धु परिसर में दोपहर के वक्त ललित सुरजन जी का अंतिम दर्शन मेरे लिए किसी देव-दर्शन से कम नहीं था। काँच से घिरे ताबूत में उनकी मृत देह रखी हुई थी। उन्हें गुजरे करीब बीस घंटे हो चुके थे लेकिन शांत चेहरे पर वैसी ही ताजगी थी जिसे मैं बरसों से देखता आ रहा था। कुछ पल मैं उनके ताबूत के पास खडा रहा। एकटक उन्हें देखते। मन में एक लहर सी उठी - शायद बोल पडेंगे - दिवाकर , कैसे हो। पर नहीं। वे चले गए थे। एकाएक। अपने पीछे एक विराट शून्य छोड़कर। मुझे इस बात का सख्त अफसोस है कि मैं उनसे लम्बे समय से नहीं मिल पाया। कोरोना ने दूरी बढा रखी थी और जब वाट्सएप पर बीमारी की खबर मिली तो वे विशेष विमान से दिल्ली रवाना होने की तैयारी में थे। फिर मैसेज आया कि वे अस्थि रोग से पीड़ित हैं जिसके इलाज में काफी समय लगेगा। अतः मित्रों से दूर रहेंगे पर फोन पर संदेश व जरूरी होने पर बातचीत होती रहेगी। वे अस्पताल में भरती हुए। मैंने चिंता व्यक्त की, जल्दी स्वस्थ होने शुभकामनाएं दीं। प्रत्युत्तर में उन्होंने आभार जताया। इसके बाद कोई  संवाद नहीं हो सका। दरअसल मैं उनका दोस्त नहीं था ,अनुज था। स