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Showing posts from September, 2019

राजीव के बहाने फिर चर्चा में धोनी

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- दिवाकर मुक्तिबोध   एम एस धोनी अगले वर्ष अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में आयोजित वर्ल्ड कप टी-20 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे ? यानी इस हिसाब से अभी उनका रिटायरमेंट कम से कम एक साल दूर है। यह कोई अधिकृत खबर नहीं है और न ही धोनी के रिटायरमेंट के संबंध में किसी को कोई जानकारी है। केवल क़यासों का बाज़ार गर्म है। फिर वर्ल्ड कप के लिए टीम के चयन में भी काफी वक़्त है। लेकिन इसके बावजूद यदि आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के बयान पर ग़ौर करें तो इस संभावना को बल मिलता है कि धोनी फिलहाल संन्यास नहीं लेंगे तथा टी 20 वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध रहेंगे। राजीव शुक्ला ने धोनी की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनमें बहुत क्रिकेट बाक़ी है। वे अभी रिटायर नहीं हुए हैं। चयन का काम चयन समिति करती है और धोनी अपनी व्यक्तिगत व्यवस्थाओं के कारण उपलब्ध नहीं थे। इसलिए वे खेल नहीं रहे हैं। आईपीएल चेयरमैन ने ये विचार तब व्यक्त किए जब वे 21 सितंबर को सहारनपुर के ज्ञानकलश इंटरनेशनल स्कूल के मैदान में अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट पिच के उदघाटन समारोह में भाग ले रहे थे। इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा

कांग्रेस के पास पुन: मौका

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- दिवाकर मुक्तिबोध दो राज्यों महाराष्ट्र व हरियाणा में विधान सभा चुनाव की तिथि का एलान हो गया है। इनके साथ ही विभिन्न प्रांतों की 64 विधान सभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होंगे। इनमें छ्त्तीसगढ़ की चित्रकोट भी शामिल है।मई में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में भीषण पराजय के झटके से कांग्रेस कितनी उबर पाई है और उसने कितनी ताकत बटोरी है , उसे परखने का यह एक मौका है। चूँकि महाराष्ट्र व हरियाणा में भाजपा की सरकार है इसलिए कांग्रेस के बनिस्बत उसकी साख ज्यादा दाँव पर है और उसे यह भी जताना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सम्मोहन ज़रा भी खंडित नहीं हुआ है। महाराष्ट्र में भाजपा ने पिछले चुनाव में कुल 288 में से 122 जीती थी जबकि कांग्रेस ने 42। हरियाणा में दोनों के बीच 32 सीटों का फ़ासला था। वहाँ विधान सभा की 90 सीटें है। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस अपनी स्थिति कितनी सुधार पाएगी या और नीचे गिरेगी , यह तो स्पष्ट होगा ही पर इस संदर्भ में यह तथ्य भी ध्यान रखने योग्य है कि राज्य व केन्द्र के मुद्दे अलग अलग होते है जो चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं। इसलिए विधान सभा चुनावों में स्थानीय मुद्दों