राजीव के बहाने फिर चर्चा में धोनी

- दिवाकर मुक्तिबोध
 एम एस धोनी अगले वर्ष अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में आयोजित वर्ल्ड कप टी-20 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे ? यानी इस हिसाब से अभी उनका रिटायरमेंट कम से कम एक साल दूर है।
यह कोई अधिकृत खबर नहीं है और न ही धोनी के रिटायरमेंट के संबंध में किसी को कोई जानकारी है। केवल क़यासों का बाज़ार गर्म है। फिर वर्ल्ड कप के लिए टीम के चयन में भी काफी वक़्त है। लेकिन इसके बावजूद यदि आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के बयान पर ग़ौर करें तो इस संभावना को बल मिलता है कि धोनी फिलहाल संन्यास नहीं लेंगे तथा टी 20 वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध रहेंगे। राजीव शुक्ला ने धोनी की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनमें बहुत क्रिकेट बाक़ी है। वे अभी रिटायर नहीं हुए हैं। चयन का काम चयन समिति करती है और धोनी अपनी व्यक्तिगत व्यवस्थाओं के कारण उपलब्ध नहीं थे। इसलिए वे खेल नहीं रहे हैं।
आईपीएल चेयरमैन ने ये विचार तब व्यक्त किए जब वे 21 सितंबर को सहारनपुर के ज्ञानकलश इंटरनेशनल स्कूल के मैदान में अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट पिच के उदघाटन समारोह में भाग ले रहे थे। इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि धोनी भारत के लिए आगे भी खेलेंगे। क्या इस संक्षिप्त बयान को धोनी के संबंध में महत्वपूर्ण संकेत माना जाए ख़ासकर तब जब इस मशहूर क्रिकेटर ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं जबकि भारतीय क्रिकेट जगत बेसब्री से इस बात का इंतज़ार कर रहा है कि धोनी अपने बारे में क्या निर्णय लेते हैं। बीसीसीआई पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि धोनी की ओर से सिर्फ यह कहा गया था कि वे वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ वेस्टइंडीज़ में व दक्षिण अफ़्रीका व नवंबर में बांग्ला देश के विरूद्ध घरेलू श्रृंखला के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। वेस्टइंडीज़ का दौरा समाप्त हो चुका है जबकि दक्षिण अंफ्रीका अभी भारत में है।अब बांग्लादेश के बाद इसी वर्ष 6 दिसंबर से तीन टी-20 व तीन एक दिवसीय के लिए वेस्टइंडीज़ टीम भारत आ रही है। तब धोनी उपलब्ध रहेंगे या नहीं , यह तभी स्पष्ट होगा जब वे हाँ या ना कहेंगे। उनके जवाब के लिए कुछ समय और इंतज़ार करना होगा।
अब सवाल है आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के बयान का क्या अर्थ निकाला जाए ? महज़ यह कि उनका स्टेटमेण्ट एक धोनी प्रशंसक का स्टेटमेण्ट है क्योंकि हर प्रशंसक चाहता है कि धोनी को अभी खेल जारी रखना चाहिए। इन तारीफदारों में लता मंगेशकर जैसी अज़ीम शख़्सियतें भी शामिल है।जबकि सुनील गावस्कर , सौरव गांगुली सरीखे महान बल्लेबाज़ों की राय है कि धोनी का समय बीत गया है लिहाजा उन्हें फ़ैसला कर लेना चाहिए। जुलाई में इंग्लैंड में सम्पन हुए आईसीसी वर्ल्ड के बाद इस विषय पर बहुत बातें हो चुकी हैं। बस कोई कुछ नहीं बोल रहा है तो वह खुद धोनी है जिन्होंने स्थिति स्पष्ट करने की ज़रूरत नहीं समझी , केवल यह कहते रहे हैं कि वे टीम में चयन के लिए उपलब्ध नहीं है।
पुन: बात राजीव शुक्ला की। वे कोई साधारण व्यक्ति होते तो उनके बयान पर नोटिस लेने की ज़रूरत नही थी किंतु वे आईपीएल जैसी महत्वपूर्ण क्रिकेट संस्था के चेयरमेन है।वे यदि कह रहे हैं कि धोनी में बहुत क्रिकेट बाक़ी है और वे आगे भारत के लिए खेलेंगे, तो इसके बड़े मायने है। इसका कुछ तो अर्थ निकाला जा सकता है। क्या यह माना जाए कि वे बीसीसीआई व चयन समिति को कोई संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं ? या उन्हें विश्वास है कि धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से फिलहाल रिटायरमेंट नहीं लेंगे और बीसीसीआई की राष्ट्रीय चयन समिति अगली चयन प्रक्रिया में उनके नाम पर विचार करेगी। बहरहाल जो भी हो , राजीव शुक्ला ने अपने मन की बात कह दी है जिसका कोई न कोई आधार होना चाहिए। इससे इस संभावना को बल मिला है कि धोनी फिलहाल रिटायर नहीं होंगे और आगे इसके लिए किसी ख़ास अवसर की प्रतीक्षा करेंगे।
अगले तीन-चार महीने टीम इंडिया का व्यस्त घरेलू कार्यक्रम है। उसे दक्षिण अफ़्रीका, बांग्ला देश व वेस्ट इंडीज़ के भारत दौरे के बाद जनवरी 2020 में श्रीलंका व आस्ट्रेलिया की मेज़बानी करनी है तथा फ़रवरी में न्यूज़ीलैंड के विरूद्ध न्यूज़ीलैंड में सीमित ओवरों के मैच खेलने हैं। धोनी जुलाई में आईसीसी वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के बाद वे अवकाश पर हैं तथा घरेलू क्रिकेट से भी दूर हैं। अब जब वे दिसंबर में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ टी 20 के लिए अपनी उपलब्धता जाहिर करेंगे तब चयन समिति के सामने बडा सवाल खड़ा होगा। क्योंकि धोनी को ड्राप करने का निर्णय लेना बहुत मुश्किल भरा होगा और ख़ासकर ऐसी स्थिति में जब कप्तान विराट कोहली व प्रमुख कोच रवि शास्त्री का धोनी के प्रति रूख हमेशा सकारात्मक रहा है। हालाँकि गावस्कर जैसे दिग्गज क्रिकेटरों का कहना है कि बीसीसीआई को अब धोनी से आगे सोचना चाहिए, उनका युग बीत चुका है।
धोनी का युग बीत गया या नहीं , इसके जवाब उन्हें बल्ले से देना होगा । वे घरेलू टूर्नामेंट खेलते तो कुछ आधार बनता हालाँकि आईसीसी विश्व कप में उनका प्रदर्शन बहुतों से बेहतर था। बीसीसीआई के सामने दिक़्क़त यह है कि टी-20 विश्व की तैयारी के लिए बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है जबकि न तो चौथे क्रम पर बल्लेबाज़ी की गुत्थी सुलझी है और न ही विकेट कीपर बल्लेबाज़ के रूप में धोनी के विकल्प की। हालाँकि धोनी के स्थानापन्न के रूप में युवा ऋषभ पंत को आज़माया गया पर वे कसौटी पर खरे नही उतर पा रहे हैं। ऐसे में जाहिर है प्रदीर्घ अनुभव के आधार पर धोनी के लिए अवसर बनते हैं।
बहरहाल अगले दो महीनों में स्पष्ट हो जाएगा कि धोनी का इरादा क्या है और क्या वे विश्व कप टी-20 तक टीम इंडिया में बने रहना चाहते हैं जैसी कि उनके बचपन के कोच केशव बेनर्जी की भी इच्छा है। और क्या बीसीसीआई की चयन समिति उन्हें इतना वक़्त देने तैयार है ? यह भी नहीं भूलना चाहिए धोनी अप्रत्याशित निर्णय लेने में माहिर है। हो सकता है किसी ख़ुशनुमा सुबह यह मायूसभरी खबर आ जाए कि धोनी ने अपने दस्ताने खूँटी पर टाँग दिए। वह सुबह कल भी हो सकती है और अगले साल भी।

Comments

Popular posts from this blog

मुक्तिबोध:प्रतिदिन (भाग-14)

मुक्तिबोध:प्रतिदिन (भाग-7)

मुक्तिबोध:प्रतिदिन (भाग-1)